श्रृणु यथा पहले वचनम्

श्रृणु यथा पहले वचनम्

यह पवित्र वाक्य, एक अभिनंदन करता है। यह हमारी विश्वासों को व्यक्त करता है और हमें सत्य की ओर ले जाता है। हर शब्द में गहरा अर्थ छिपा होता

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